Fixed Deposit और Floating Rate FD के बीच क्या है फर्क, किसमें आपका फायदा और किसमें नुकसान?
अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना पसंद करते हैं, तो आप फ्लोटिंग रेट्स एफडी का विकल्प भी चुन सकते हैं. जानिए Fixed Deposit और Floating Rate FD क्या फर्क है और आपके लिए कौन सा फायदे का सौदा है.
Fixed Deposit आज भी निवेश का एक पसंदीदा विकल्प है. इसकी वजह है कि फिक्स्ड डिपॉजिट पर कितना रिटर्न मिलेगा, इस बात का ग्राहक को पहले से पता होता है. इसमें मार्केट के उतार-चढ़ाव का का रिस्क नहीं होता है. लेकिन एफडी पर बैंक समय-समय पर ब्याज घटाती और बढ़ाती रहती है. ऐसे में जिस समय आपने अपने पैसे को फिक्स किया है, आपको उसी हिसाब से इंटरेस्ट मिलता है.
अगर निवेश के समय इंटरेस्ट रेट कम है, तो मुनाफा भी कम होगा और इंटरेस्ट रेट ज्यादा है तो मुनाफा भी बेहतर होगा. लेकिन अगर आप चाहें तो फ्लोटिंग रेट्स एफडी का भी विकल्प चुन सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कि Fixed Deposit और Floating Rate FD क्या फर्क है और आपके लिए कौन सा फायदे का सौदा है.
ये है फिक्स्ड रेट एफडी
फिक्स्ड रेट एफडी निवेश का वो जरिया है, जिसमें आपको गारंटीड रिटर्न मिलता है. इसमें इंटरेस्ट रेट मैच्योरिटी के समय तक समान रहता है. आप चाहें एफडी में पैसा एक साल के लिए निवेश करें या 5 साल के लिए, फिक्स करने के दिन जो इंटरेस्ट रेट था, मैच्योरिटी पर आपको रकम उसी के हिसाब से मिलेगी. इस बीच ब्याज के घटने या बढ़ने का कोई फर्क नहीं पड़ता है.
फ्लोटिंग रेट फिक्सड डिपॉजिट
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फ्लोटिंग रेट फिक्सड डिपॉजिट में जब आप पैसा निवेश करते हैं तो इसमें इंटरेस्ट रेट मैच्योरिटी की अवधि तक बदलते रहते हैं. चूंकि आरबीआई हर निश्चित अवधि में ब्याज दरों में बदलाव करता है. ऐसे में बैंक अगर एफडी पर ब्याज दर बढ़ाता है, तो एफडी पर बढ़ा हुआ ब्याज लगता है और घटाता है तो आपके निवेश पर घटा हुआ ब्याज लगता है. साधारण शब्दों में समझें तो आरबीआई के रेपो रेट बढ़ने और घटने का असर बैंक की ब्याज दरों पर पड़ता है और बैंक के ब्याज बढ़ाने और घटाने का सीधा असर फ्लोटिंग रेट फिक्सड डिपॉजिट पर पड़ता है.
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आपका किसमें फायदा
फिक्स्ड रेट डिपॉजिट और फ्लोटिंग रेट एफडी दोनों के अपने-अपने फायदे हैं. लेकिन मौजूदा समय में जिस तरह महंगाई की मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए जिस तरह से रिजर्व बैंक रेपो रेट बार-बार बढ़ा रहा है, तो उससे एफडी रेट्स के ब्याज में भी बढ़ोतरी हुई है. इस बीच आपके लिए फ्लोटिंग रेट एफडी में निवेश करना मुनाफे का सौदा हो सकता है. लेकिन आपको भविष्य में बैंक के इंटरेस्ट रेट्स के दोबारा कम होने की स्थिति के लिए भी तैयार रहना चाहिए क्योंकि कब तक कौन सी ब्याज दर लागू रहेगी, ये निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता. लेकिन अगर आप सिर्फ गारंटीड रिटर्न लेना ही पसंद करते हैं, तो आपको फिक्स्ड रेट डिपॉजिट में ही निवेश करना चाहिए. फिलहाल यस बैंक में फ्लोटिंग रेट एफडी का विकल्प मौजूद है.
10:44 AM IST